Wednesday 6 May 2020

डॉ. भीमराव अम्बेडकर आपके ही नहीं, देश के भी अच्छे नेता साबित होंगे. -शाहूजी महाराज


17 सितम्बर 1919 को छत्रपति शाहू जी महाराज ने डॉ अम्बेडकर से उनके घर, डबक चाल, बॉम्बे में मुलाकात की. उन्होंने डॉ अम्बेडकर को उनका अख़बार मूकनायक चालू करने के लिए 2500/- रुपये दिए. यह राशि आज के हिसाब से लगभग 75 लाख रुपये से अधिक होती है.

छत्रपति शाहू जी महाराज ने डॉ अम्बेडकर को कोल्हापुर में शाही मेहमान के तौर पर आमंत्रित किया. वहां डॉ अम्बेडकर को शाही पगड़ी पहना कर सम्मानित किया. कोल्हापुर में डॉ अम्बेडकर की शोभायात्रा निकाली गई.

कोल्हापुर के माणगाँव (कागल) में दो दिवसीय बहिष्कृत वर्ग सम्मलेन का आयोजन किया गया. इस सम्मलेन का आयोजन 21 – 22 मार्च 1920 को किया गया. छत्रपति शाहू जी महाराज इस परिषद् के मुख्य अतिथि थे. इस सम्मलेन के अध्यक्ष बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर थे. सम्मलेन के स्वागत अध्यक्ष दादा साहेब मोकाशी थे. इस सम्मलेन से ही बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर के सामाजिक-राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई. 

इस सम्मलेन में डॉ अम्बेडकर ने छत्रपति शाहूजी महाराज के नेतृत्व की खुले दिल से प्रशंसा की. डॉ अम्बेडकर ने महाराज द्वारा अश्पृश्य समाज के उत्थान के लिए किये उनका धन्यवाद् किया. डॉ अम्बेडकर ने रियासत में गैर-ब्राह्मणों को आरक्षण देने के महाराज के निर्णय का स्वागत किया. बहिष्कृत वर्ग सम्मेलन में मुख्यातिथि के रूप में आशीर्वाद देने के लिए डॉ अम्बेडकर ने अश्पृश्य समाज की ओर से छत्रपति शाहूजी महाराज का आभार किया.

छत्रपति शाहूजी महाराज ने बहिष्कृत वर्ग सम्म्लेन को संबोधित करते हुए समाज में अश्पृश्य समाज की स्थिति का वर्णन किया. उन्होंने कहा की अश्पृश्य समाज के साथ अत्याचार होता है. उनसे बेगारी कराई जाती है. माता-पिता बेगारी में होने के कारण, घर में बच्चों के स्वस्थ्य पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है. उन्हें पढने नहीं दिया जाता है, उनसे वतनदारी (एक तरह की बेगारी) कराई जाती है.

छत्रपति शाहूजी महाराज ने बताया कि उन्होंने अपनी रियासत में वतनदारी बन्द कराई. अश्पृश्य समाज को जमीन के पट्टे दिए. गैर-ब्राहमणों को शासकीय सेवाओं में भर्ती किया. शाहूजी महाराज ने डॉ अम्बेडकर से उनकी उनके काम में सहायता करने की अपील की. सम्म्लेन में शाहूजी महाराज ने उम्मीद जताई कि पिछड़ों के नेता केशवराव और बाबू कालीचरण को भी डॉ अम्बेडकर के साथ सम्मलेन में हिस्सा लेना चाहिए था.

सम्मलेन में छत्रपति शाहूजी महाराज ने कहा, 

“मैं आपको मिस्टर अम्बेडकर के बारे में बताना चाहता हूँ कि उन्हें अछूत कहा जाता है, जो मुझे पसंद नहीं है. कारण यह है कि महार, मांग, चमार, ढोर, यह दरअसल व्यापारी जाति के लोग हैं. पहले यह व्यापर करते थे. मैं सब लोगों से प्रार्थना करता हूँ कि इस अवस्था में पहुँचने का कारण यह है कि हम अपना योग्य नेता नहीं ढूंढ पाए हैं. जो आपको शूद्र कहते हैं, अछूत कहते हैं, आपके छू जाने पर अपनी शुद्धि कराते हैं, ऐसा नेता हमारे किस काम का?

मैं अम्बेडकर के उदारमतों की प्रशंसा करता हूँ. वे विद्वानों में भूषन हैं. आज आपने अपना नेता ढूंढ लिया है. वे आपका उद्धार किये बिना नहीं रहेंगे. वह आपके ही नहीं, वो देश के एक अच्छे नेता साबित होंगें. अंत में मैं मिस्टर अम्बेडकर से निवेदन करता हूँ कि यहाँ से जाने से पहले वह मेरे रजपूतवाड़ी कैम्प में मेरे साथ भोजन करने के लिए अवश्य आयेंगे.”  

आज ही के दिन, 6 मई 1922 को इस महापुरुष छत्रपति शाहू जी महाराज का परिनिर्वाण हुआ. अम्बेडकर ऑनलाइन इन्हें कोटि-कोटि नमन करता है. 


छत्रपति शाहूजी महाराज के 98वें परिनिर्वाण के अवसर पर अम्बेडकर ऑनलाइन ने उनके और डॉक्टर अम्बेडकर के बीच के ख़ास सम्बन्धों पर एक विडीओ बनाया है. जो हम, आज रात को ही अम्बेडकर ऑनलाइन ब्लॉग पर पोस्ट करेंगे. उम्मीद है कि आप इसे अवश्य देखेंगे और हमारा हौसला बढ़ाएँगे.


No comments:

Post a Comment